लखपति दीदी नाज़मा खातून के सफलता की कहानी

 लखपति दीदी नाज़मा खातून के सफलता की कहानी




प्रेम भारती 

कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड की देवीटांड पंचायत के नईटांड ग्राम की निवासी नाज़मा खातून के परिवार में कुल 05 सदस्य है, जिसमे खुद पति और 3 बच्चे है, इनका पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर रहता है तथा इनके घर कि आर्थिक स्तिथि भी ठीक नही थी। नाज़मा खातून के गाँव देवीतांड में JSLPS के द्वारा समूह का गठन हो रहा था तब वह JSLPS के द्वारा गुलाब ASM में सदस्य के रूप में जुडी और गाँव की अन्य महिला को भी जुड़ने के लिए प्रेरित की और JSLPS में जुड़ने के फायदे बताई। नाजमा 100 डी० जमीन रहने के वाबजूद 50 डी०  जमीन मे रासायनिक खेती करती थी लेकिन इससे उसके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाता था, तभी नाजमा को ग्राम संगठन के बैठक में RSETI  प्रसिक्षण के बारे में  पता चला उसके बाद वह फरवरी 2024 मे RSETI के माध्यम से कृषि का प्रशिक्षण प्राप्त की एवं जैविक खेती  के बारे मे जानकारी प्राप्त की, जिनमें आज के समय में इनकी सालाना वार्षिक आय तकरीबन 1 लाख 20 हजार है। नाजमा खुद का कृषि कार्य करते हुए अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी नई नई तकनीक से कृषि कार्य के लिए प्रेरित और सहयोग करती है। साथ ही सरकार के द्वारा उठाए जा रहे किसान के सहयोग के लिए दिए जाने वाले सभी तरह के लाभ के बारे में भी प्रचार प्रसार करने में यह अहम भूमिका निभाती है। हंस महिला समूह में जुड़ने के पश्चात इन्होंने अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया और अपने ग्राम में लखपति दीदी के नाम से प्रचलित हुई।

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