अग्रसेन जयंती समारोह का हुआ उद्घाटन
अग्रसेन जयंती समारोह का हुआ उद्घाटन
झुमरी तिलैया सोमवार से अग्रसेन भवन में चार दिवसीय श्री अग्रसेन जयंती समारोह 2024 का भव्य आयोजन शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी विजय केडिया द्वारा महाराजा अग्रसेन और कुलदेवी मां लक्ष्मी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विजय केडिया ने कहा कि महाराजा अग्रसेन के सिद्धांत "एक रूपया, एक ईंट" की प्रथा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। यह सिद्धांत समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस चार दिवसीय आयोजन का उद्देश्य समाज में छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना है, जिसमें विशेष रूप से बच्चे अपनी कला और कौशल का प्रदर्शन करेंगे। समारोह मे अध्यक्ष गोपी कृष्ण अग्रवाल और सचिव हिमांशु केडिया ने कहा कि महाराजा अग्रसेन के आदर्श अग्रवाल समाज को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी से आग्रह किया कि हमें महाराजा के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए, क्योंकि ये सिद्धांत सामाजिक एकता और सद्भावना को बढ़ावा देते हैं।
समारोह के अवसर पर प्रयोजना निदेशक संतोष लड्डा और संदीप हिसारिया ने पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी से जल संचयन और प्लास्टिक के उपयोग को रोकने की अपील की। इसके साथ ही, समाज के वरिष्ठ सदस्य मधुसूदन दारुका, महेश दारुका, कैलाश चौधरी और संजीव खेतान ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य समाज को एक सूत्र में बांधना और समाज के लोगों की प्रतिभा को सामने लाना है।
समारोह के पहले दिन का मुख्य आकर्षण बच्चों के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता रही, जिसमें बच्चों ने विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करते हुए अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन परियोजना निदेशक ममता बंसल और नीतू बंसल ने किया। समारोह में भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसकी परियोजना निदेशक काजल गुप्ता और प्रीति केडिया थीं। समारोह में रामावतार अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, अजय अग्रवाल, सुरेंद्र गुप्ता, संजय खेमानी, आयुष पोद्दार, संजय नरेड़ी, आशीष केडिया, महेश अग्रवाल, यश बंसल, विपुल चौधरी, प्रीति केडिया, शीतल पोद्दार, पल्लवी सुल्तानिया, काजल गुप्ता, ममता बंसल, रेखा मोदी, प्रिया अग्रवाल, निशा संघाई, प्रगति चौधरी, खुशबू केडिया, स्नेहा खेतान, रिचा भोजनवाला समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
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