राज इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों ने मनाया अनोखी दिवाली
राज इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों ने मनाया अनोखी दिवाली
दीप से दीप जले तो हो दीपावली उदास चेहरे खिलें तो हो दीपावली : राहुल घोष
प्रेम भारती
कोडरमा स्थित राज इंटरनेशनल स्कूल में दीपावली का पर्व बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उत्सव का शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष रामलखन सिंह, निदेशक श्रीमती सम्पा सिंह व प्रधानाचार्य राहुल घोष ने द्वीप प्रज्वलन कर भगवान श्रीगणेश व मातालक्ष्मी का पूजन करके किया।
बच्चों ने किया शानदार मंचन
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं रंगोली बनाना, दीपक सजाना, कार्ड व पोस्टर प्रतियोगिता के साथ ही दीपावली पर्व से जुड़े कुछ रोचक सांस्कृतिक व धार्मिक भावना से जुड़े मंचन प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में कक्षा पांच की छात्रा रिद्धिमा सिंह ने कलयुग की रामायण वर्णित करके किया | इसके बाद कक्षा एक और दो के छात्रों ने छठ पूजा की मनमोहक प्रस्तुति दी | सम्पूर्ण रामायण के डांस ने सभी का मन मोह लिया | कार्यक्रम के अंतिम में 150 छात्रों ने जब साथ में छठ पूजा का गीत गाया तो पुरा विद्यालय विद्यालय प्रांगण तालियों की गरगराहट से गूँज उठा |
बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
छात्रों की प्रस्तुति से सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई | विद्यालय में अयोजित रंगोली प्रतियोगिता की रंगोली देख सभी मंत्र मुक्त हो गये | डायरेक्टर संपा सिंह और अध्यक्ष रामलखन सिंह छात्रों के प्रदर्शन से काफी खुश हुए और उनके कुशल भविष्य की कामना।
हमेशा सत्य की राह पर ही चलना ही श्रेष्ठ
इस अवसर पर अध्यक्ष रामलखन सिंह ने शिक्षको एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में हमेशा सत्य की राह पर ही चलना श्रेष्ठ होता है। यही रास्ता हमारे जीवन में प्रकाश भरता है, तथा सदैव नई रोशनी व नई ऊर्जा प्रदान करता है। उन्हें बताया कि हमें सिर्फ खुद के घर नहीं बल्कि दूसरे के घरों को रोशन करना चाहिए | हमें अपने कामों से दूसरों के जीवन में रोशनी करनी चाहिए हमेंशा दूसरों की मदद करनी चाहिए | निर्देशक सम्पा सिंह ने कहा कि विद्यालयों में इस प्रकार के पर्वो को मनाने से हमारी भावी पीढी को सनातन संस्कारों व संस्कृति की सीख मिलती है।
उन्होंने कहा यही सनातन संस्कार छात्रों को सही दिशा में आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं। अपने प्राचीन परम्पराओं, सभ्यता व संस्कृति से जुड़कर अपने प्राचीनता को आज भी जीवंत बनाए हुए हैं, और विद्यालय हमारी संस्कृति हस्तान्तरण के महत्वपूर्ण केंद्र का भी दायित्व निभाते हैं, दीपावली अंधकार पर प्रकाश व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक
है रोशनी का यह त्यौहार, लाये हर चेहरें पर मुस्कान, सुख और समृध्दि की बहार, समेट लो सारी खुशियाँ, अपनों का साथ और प्यार, इस पावन पर्व को दीपावली का प्यार।
विद्यालय के प्राचार्य राहुल घोष ने संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, रंगोली को कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले बनाने से वहां पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने के साथ ही अगर उस स्थान पर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हो तो उसका भी नाश हो जाता हैं, उन्होंने बताया कि खासकर मां लक्ष्मी के घर में आगमन के लिए रंगोली मुख्य द्वार में बनाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। यह एक लोक-कला है और भारतीय संस्कृति को दर्शाती है. अधिकतर रंगोली मुख्य द्वार के फर्श पर बनाई जात है. भारतीय रंगोली को घर और परिवार के लिए शुभ और भाग्यशाली माना जाता है।
उन्होंने सभी बच्चों से अपील करते हुए कहा कि इस दीपावली को आप सभी सेफ दीपावली के रूप में मनाएंगे ताकि आपको दीप पटाखों से कोई हानी न पहुँचें।
कार्यक्रम की एंकरिंग स्वाति सिन्हा ने किया | कार्यक्रम प्रभारी सुष्मिता टूटी से सभी शिक्षक, कर्मचारी अनुशासन प्रभारियों एवं सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर उजाला, श्रेया, अनीता समन्वयक एमडी इकबाल, परीक्षा प्रभारी ए के लाल, पूजा, प्रिया, सुरेंद्र, आशीष, सैफ, कुशल, इंदु, ज्योतिष्ना,रिया, काजल, रिजवान,परिवहन प्रभारी शमीम और चंपा आदी मौजुद रहे।
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