सीटू और किसान सभा ने धरना प्रदर्शन कर मनाया देशव्यापी विरोध दिवस
चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही मेहनतकशों का आंदोलन शुरू
सीटू और किसान सभा ने धरना प्रदर्शन कर मनाया देशव्यापी विरोध दिवस
प्रेम भारती
कोडरमा - किसानों के साथ वादा खिलाफी और मजदूरों को गुलाम बनाने वाले चार लेबर कोड को वापस नहीं लिए जाने के खिलाफ एवं देश के मेहनतकशों की अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के देशव्यापी आह्वान पर जिला समाहरणालय पर सीटू और किसान सभा ने धरना प्रदर्शन आयोजित कर उपायुक्त के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति को संबोधित 12 सुत्री मांग पत्र भेजा गया। धरना स्थल पर सीटू के जिला सचिव रमेश प्रजापति की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि 26 नवंबर को जन लामबंदी के माध्यम से विरोध दिवस के रूप में मनाने के लिए इस लिये चुना गया है कि यह वह दिन है जब 2020 में ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर अपना ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था और लाखों किसानों ने एक साल तक आंदोलन किया। जिसमें 750 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद जब कृषि कानून वापस लिए गए थे, तब किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं. देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खोखली हो चुकी है. भारतीय इतिहास में पहली बार एसबीआई को थाईवान की कम्पनी से 1.25 विलियन डॉलर कर्जा लेना पड़ रहा है. दुनिया की चौथी पांचवी अर्थव्यवस्था देश को बताया जा रहा है, वह एक छलावा है.
झारखंड राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव असीम सरकार ने कहा कि लगातार चली आ रही एनडीए की इस तीसरी सरकार की नीतियों से भारत के मेहनतकश लोगों को गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है, इनका उद्देश्य कॉरपोरेट और अति अमीरों को और मजबूत करना है. जबकि खेती की लागत और मुद्रास्फीति हर साल 12-15% से अधिक बढ़ रही है, सरकार एमएसपी में केवल 2 से 7% की वृद्धि कर रही है। इसने सी2+50% फॉर्मूले को लागू किए बिना और खरीद की कोई गारंटी दिए बिना 2024-25 में धान के एमएसपी को केवल 5.35% बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। लेकिन केंद्र सरकार पिछले साल खरीदी गई फसल को मंडियों से उठाने में विफल रही है. इसलिए खेती किसानी बचाने के लिए संघर्ष ही रास्ता है.
सभा को सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश, किसान सभा के जिला सह संयोजक परमेश्वर यादव, ग्यासुद्दीन अंसारी, कर्मचारी नेता फेकुलाल विद्यार्थी, पंसस सविता देवी, नागेश्वर दास आदि ने संबोधित किया. धरना में भीखारी तुरी, राजेन्द्र पासवान, अनीता देवी, रामस्वरूप रजवार, सरयू दास, ज्योति कुमार, सुभाष तुरी, वासुदेव साव, विजय सिंह, कारू सिहं सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
Comments
Post a Comment