उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में, फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते– रामलखन सिंह
आरआईएस में चाचा नेहरू की याद में कई कार्यक्रम अयोजित
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में, फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते– रामलखन सिंह
प्रेम भारती
कोडरमा स्थित राज इंटरनेशनल स्कूल में बाल दिवस की धूम रही। विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। सर्वप्रथम आज क्या असेंबली, कुछ खास रही जिसमें बच्चों की भूमिका निभाते शिक्षक नजर आए। विद्यालय के हेड बॉय की भूमिका भुजेल सर ने निभाया। कार्यक्रम की शुरुआत चाचा नेहरू के चित्र पर मल्यार्पण और दीप जला कर की गई, नन्हें मुन्हे छोटे बच्चे नेहरू की वेश भूषा पहन कर विद्यालय आए। इस अवसर पर विद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कक्षा 5 या कक्षा 8 के बच्चों ने बहुत ही मनोरम प्रस्तुति दी कक्षा पंचम विद्यार्थी रिधिमा सिंह ने एक बचपन का जमाना था कविता की प्रस्तुति दी तो पूरा विद्यालय प्रांगण तालियाँ की गरगराहाट से गूंज उठा। इसके साथ ही कार्यक्रम में स्कूल के प्रिंसिपल राहुल घोष ने खेलों का आयोजन किया जिसमे शिक्षको येवम छात्रों के बीच मुकाबला हुआ। छात्रों और शिक्षकों के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, म्यूजिकल चेयर, कबड्डी, खो-खो आदि खेल थे। स्कूल में निबंध, कविता, चित्रकला और पेंटिंग आदि गतिविधियों का आयोजन किया गया। बाल दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों ने चाचा नेहरू बन उनके प्रति अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर छोटे बच्चों ने विभिन्न आकर्षक एवं मोहक कविताओं से सबको भाव विभोर कर दिया। प्रिंसिपल राहुल घोष ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। परीक्षा प्रभारी ए के लाल सर ने सभी बच्चों को बाल दिवस की शुभ कामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा की आइए आज खुशियां और कृतज्ञता के साथ आज का जश्न मनाएं, और ऐसे भविष्य की दिशा में आगे बढ़ें, जहां पूरी क्षमता के साथ पहुंच सके। आप सभी को बाल दिवस की शुभकामनाएं।
इसके साथ-साथ क्लास टीचर्स ने अपने-अपने क्लास में बाल दिवस का आयोजन किया जिसमें जिसने अपने बच्चों के लिए क्लास सजाय,बच्चों से केक कटवाया, उन्हें उपहार दीये और चॉकलेट और बिस्कुट दीये। कार्यक्रम में एमडी इकबाल, पूजा शेखर, उजाला, सुष्मिता अनीता, पूजा कुमारी,रिया ,आदित्य ,चुनियार , सुरेंद्र, प्रिया, इंदु, ज्योति, ज्योत्सना, समा इत्यादि शिक्षक मौजुद रहे।
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