डॉ अम्बेडकर का उपहास उड़ाने के खिलाफ वामदलों ने निकाला प्रतिवाद मार्च, गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग
डॉ अम्बेडकर का उपहास उड़ाने के खिलाफ वामदलों ने निकाला प्रतिवाद मार्च, गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग
प्रेम भारती
झुमरी तिलैया - संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के प्रति उपहास उड़ाने वाली टिप्पणी के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के तहत सोमवार को सुभाष चौक के समीप स्थित बाब साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की मुर्ति पर अम्बेडकरवादी शिक्षक दुर्गा राम के द्वारा माल्यार्पण करने के बाद वहां से झंडा चौक तक वामदलों के द्वारा सीपीएम के जिला सचिव असीम सरकार, माले के जिला सचिव राजेन्द्र मेहता और सीपीआई के जिलामंत्री प्रकाश रजक के नेतृत्व में प्रतिवाद मार्च निकाला गया. मार्च में अमित शाह मुर्दाबाद, संविधान जिन्दाबाद, मनुस्मृति को लागू करने की साजिश नहीं चलेगी आदि नारे लगाये जा रहे थे. झंडा चौक पर सीपीएम नेता रमेश प्रजापति की अध्यक्षता में आयोजित विरोध सभा को सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान, सीपीआई राष्ट्रीय परिषद के सदस्य महादेव राम, माले के राज्य कमिटी सदस्य इब्राहिम अंसारी, डीएसएमएम के प्रेम प्रकाश ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि भारत का संविधान हमें सामानता, न्याय और मानवता के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। जाति और लिंग भेदभाव जैसे अन्यायपूर्ण विचारों को त्याग कर एक समता मूलक समाज का निर्माण करना मुख्य उद्देश्य है. संसद में जिस प्रकार से गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता डॉक्टर अम्बेडकर का उपहास उड़ाया है. वह संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच भाजपा और आरएसएस की पाठशाला से ही पनपती है. दरअसल डाक्टर अंबेडकर के प्रति अमित शाह का बयान यूं ही नहीं है, बल्कि पिछले 70 सालों की दबी वह टीस है, जो एक झटके में बाहर आ गई. उनके विचारों के प्रति हिंदुत्ववादियों की नफ़रत और चिढ़ स्वाभाविक है. वे शुरु से ही उन्हें नापसंद करते आये हैं. आरएसएस - भाजपा ने उनके ख़िलाफ़ खूब अभियान चलाया, संविधान पर खूब जहर उगला. जब संविधान बना तो संघियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अंबेडकर का पुतला जलाया था। उसके बावजूद बाबा साहेब वैश्विक शख़्सियत बन गये. यह सच है कि भारत के संविधान में शोषितों, वंचितों, पिछड़े, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को जो समानता का अधिकार दिया गया है. वह आरएसएस - भाजपा को बर्दाश्त नहीं होता है. वक्ताओं ने कहा कि संविधान निर्माता का अपमान करने वाले गृहमंत्री अमित शाह को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं हैं. अगर प्रधानमंत्री मोदी उन्हें पद से बर्खास्त नहीं करते हैं, तो वे और उनकी सरकार इस अपराध में शामिल माने जाएंगे. धन्यवाद ज्ञापन उदय द्विवेदी ने किया. कार्यक्रम में विजय पासवान, दिनेश रविदास, भीखारी तुरी, महेन्द्र तुरी, शम्भु कुमार, अशोक यादव, तुलसी राणा, बहादुर यादव, संदीप सिंह, शैरू निशा, पार्वती देवी, अर्जुन यादव, सकिन्द्र रजक, रामेश्वर यादव, शम्भु पासवान, सुरेन्द्र राम, बासुदेव साव, सरफराज खान, सहित दर्जनों लोग शामिल थे.
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