राज इंटरनेशनल स्कूल में महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि

 राज इंटरनेशनल स्कूल में महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि


लम्बे-लम्बे भाषणों से कहीं अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढाना



प्रेम भारती 

कोडरमा स्थित  राज इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को  स्कूल परिसर में आयोजित प्रार्थना सभा में प्रत्येक वर्ष के 30 जनवरी को मनाये जाने वाले शहीद दिवस के बारे में स्कूल के छात्रों को विस्तृत जानकारी दी गई | सर्वप्रथम विद्यालय के प्रचार्य राहुल घोष और परीक्षा प्रभारी ए के लाल ने गांधीजी के चित्र पर  पुष्पार्चन तथा दीप प्रज्वलन किया | इसके बाद प्रिंसिपल राहुल घोष ने शहीद दिवस के बारे में छात्रों को जानकारी देते हुए कहा कि आज ही के तारीख यानि 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या गोली मारकर की गयी थी। देश में भारतीय संविधान लागू के पूर्व ही सिरफिरे युवक नाथूराम ने हत्या कर भारतीय इतिहास को रक्तरंजित किया था। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा बिना हथियार के लिए थे और इस क्रम में कई बार जेल भी गये थे। सत्य -अहिंसा के पुजारी थे। 'हे राम' उनकी अनमोल वचन थे। रघुपति राघव राजा राम सर्व धर्म आधारित भजन है जिसे स्वत: गाये भी और बच्चों से भी गवाने के लिए प्रेरित किया । परीक्षा प्रभारी ए के लाल ने कहा कि महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रविन्द्रनाथ टैगोर और राष्ट्रपिता की उपाधि   नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने दिया था। आज उनके विचारों और सिद्धांतो को आत्मसात कर ही देश को समुन्नत बना सकते हैं। बच्चों से उनकी जीवनी से संबंधित प्रश्न पूछे गये जिसे बच्चों ने जवाब दिया | इस अवसर पर कक्षा 1 द्वार विशेष सभा अयोजित की गई है जिसमें महात्मा गांधी के विषय में अंग्रेजी भाषण सैनिक सिद्धि ने तथा हिंदी भाषा अंशिका सिन्हा  ने प्रस्तुत किया | क्लास 1 के सौम्या ,कनक ,अरवी और अरण्य ने रघुपति राघव राजा राम  समूह गीत की प्रस्तुति दी |

क्लास 2 की अन्वी ने महात्मा गांधी के महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये जिनमे 


1. पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।


2. प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।


3. आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।


4. एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।


5. मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ।


6. आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है, अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।


7. कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।


8. शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।


9. हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।


प्रार्थना सत्र के बाद ठीक ग्यारह बजे शहीद दिवस में महात्मा गांधी के सम्मान में मनाये जानेवाले प्रार्थना सभा का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया और दो मिनट का मौन रखा गया।

विद्यालय परिसर में मोहम्मद इकबाल संयोजक सुरेंद्र नोनिया असेंबली इंचार्ज - अनिता सिंह उनके सहयोगी उजाला एवं आदित्य, योग प्रशिक्षक शरद अग्रवाल, संगीत प्रभारी आशीष कुशल, ईसीए प्रभारी सुष्मिता इंदु, ज्योतिष्ना, काजल, चंपा, सम्मा, रंजू , आशीष मृणाल, सैफुद्दीन,अकाउंटेंट प्रदीप गुरु आदि उपस्थित रहे |

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